बुधवार, 9 मई 2007

प्रयास


shakespeare, originally uploaded by ahskad.

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अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा
तुम्हे समझने के प्रयास में
दो कदम आगे आ जाऊंगा
अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा

अच्छी है या बुरी ये
सवाल ना करना मुझसे
मन से लिखा है, जो सच
उसमे मैं
अच्छे बुरे का भेद नहीं लाऊंगा
अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा

तुम्हारे लिखे जज़बातों को
उस वक्त की सच्ची बातों को
अपने स्वर में ढ़ालकर
सुनो,
उसे मै तुम्हे सुनाऊंगा
अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा

तुषार जोशी, नागपुर

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