ताज़गी
यूँ छलकती है तेरे हसने से
जिन्दगी
यूँ महकती है तेरे हसने से
जी गया
मै तुझको देख के यूँ जी गया
पी गया
मै तेरी सुन्दरता पी गया
नशा नशा
अब मुझे हुआ है यूँ नशा नशा
अदा अदा
जितनी तेरी देखूँ अदा अदा
ताज़गी
यूँ छलकती है तेरे हसने से
जिन्दगी
यूँ महकती है तेरे हसने से
तुषार जोशी, नागपुर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
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Beautiful!
जवाब देंहटाएंरुमानियत और सादगी दोनो ही है कविता में।
जवाब देंहटाएं*** राजीव रंजन प्रसाद
आपकी कविताओं में सादगी बहुत ही सुन्दर दिखती है।
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