बुधवार, 7 सितंबर 2011

तुम्हारे लिये

(छायाचित्र सहयोग: निशिधा)
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साँवला ये रंग बना है
तुम्हारे लिये
सादगी का ढंग बना है
तुम्हारे लिये

तुम चुप रहे तो लगता है यूँ
कितनी बातों को कह गई तुम
तुम हँस दिये तो लगता है यूँ
उस चांदनी में बह जाए हम
खूबसूरती शब्द बना है
तुम्हारे लिये

तुम उँगलियाँ होठो के निचे
रखकर यूँ खो जातें कहीं
वो दिलकश मंजर दिल धडकाये
हाय तुम्हे तो पता ही नहीं
मासूमियत गहना बना है
तुम्हारे लिये

तुषार जोशी, नागपूर
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